राजस्थान का एकीकरण | RAJASTHAN KA EKIKARAN

राजस्थान का एकीकरण



· स्वतंत्रता प्राप्ति के समय राजस्थान में 19 रियासत, 3 ठिकाने व एक केंद्र शासित प्रदेश अजमेर-मेरवाड़ा था।

1.      अलवर (महाराज तेजसिंह )

2.      भरतपुर (महाराज बृजेन्द्र सिंह)

3.      धौलपुर (महाराज उदयभान सिंह)

4.      करौली ( महाराज गणेश पाल वासुदेव)

5.      कोटा ( महराव भीम सिंह)

6.      बूंदी (महरावल बहादुर सिंह)

7.      झालावाड़ ( महाराज हरिश्चंद्र बहादुर)

8.      बांसवाड़ा (महरावल चंद्रवीर सिंह)

9.      डूँगपुर (महरावल लक्ष्मण सिंह)

10.  प्रतापगढ़ (महारवाल अविका प्रताप सिंह)

11.  शाहपुरा (राज्य सुदर्शन देव)

12.  किशनगढ़ (महाराज सुमेर सिंह)

13.  टोंक ( नवाब अजीजउद्दौला)

14.  उदयपुर (महाराज भूपाल सिंह)

15.  जयपुर (महाराजा मानसिंह द्वितीय)

16.  जोधपुर (महाराजा हनुवंत सिंह)

17.  जैसलमेर (महाराज रघुनाथ सिंह)

18.  बीकानेर (महाराज सार्दूल सिंह)

19.  सिरोही (महराव अभय सिंह)

20.  नीमराणा ठिकाना (राज्य राजेन्द्र सिंह)

21.  लावा ठिकाना ठाकुर बंश प्रदीप)

22.  कुशलगढ़ ठिकाना (राव हरेन्द्र कुमार सिंह)

·            राजस्थान की एक मात्र मुस्लिम रियासत – टोंक

·             राजस्थान की जाट रियासत – भरतपुर और धौलपुर

·             राजस्थान की मेवाड़ रियासत सबसे पुरानी रियासत थी जबकि झालावाड़ सबसे नवीनतम रियासत थी।

·             झालावाड़ रियासत का गठन/निर्माण 1838 ईस्वी में ब्रिटिश गवर्नर लॉर्ड आर्कलैंड द्वारा किया गया।

·             झालावाड़ रियासत के प्रथम शासक झाला मदन सिंह थे।

·             क्षेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत – मारवाड़

·             जनसंख्या की दृष्टि से सबसे बड़ी रियासत – जयपुर

·             क्षेत्रफल व जनसंख्या की दृष्टि से सबसे छोटी रियासत – शाहपुरा

·             राजस्थान का एकीकरण सात चरणों में पूर्ण हुआ था।

·         राजस्थान एकीकरण की प्रक्रिया 18 मार्च, 1948 ईस्वी में शुरू हुई थी जो 01 नवंबर, 1956 तक     चली।

·             राजस्थान  के एकीकरण में कुल 8 वर्ष, 7 माह, 14 दिन का समय लगा था।

प्रथम चरण मत्स्य संघ

·         एकीकरण के प्रथम चरण में चार रियासत अलवर, भरतपुर, करौली व धौलपुर को मिल कर एक संग का निर्माण किया गया जिसका नाम कन्हैया लाल माणिक्यला मुंशी (के. एम. मुंशी) की सिफारिस पर मत्स्य संघ रखा।

उद्घाटन दिनाक : 18 मार्च, 1948

उद्घाटनकर्ता : एन. वी. गौड़गिल (नरहरि विष्णु गौड़गिल)

राजधानी : अलवर

राजप्रमुख : धौलपुर के महाराजा उदयभान सिंह

उपराजप्रमुख : करौली के राज्य गणेश पाल वासुदेव

प्रधानमंत्री : श्री शोभारम कुमावत (अलवर)

उपप्रधानमन्त्री : युगल किशोर चतुर्वेदी एवं गोपी लाल यादव

मत्स्य संघ का क्षेत्रफल 12,000 वर्ग किमी, जनसंख्या : 18.38 लाख

दूसरा चरण ‘पूर्व राजस्थान संघ

·         नौ रियासत बांसवाड़ा, बूंदी, किशनगढ़, झालावाड़, डूँगपुर, कोटा, प्रतापगढ़, शाहपुरा, टोंक व एक ठिकाना कुशलगढ़ को मिलाकर ‘पूर्व राजस्थान संघ’ का निर्माण किया गया।

·         नौ रियासतों की ट्रिक : बाबू की झाड़ू को प्रशाटो

बा : बांसवाड़ा बू : बूंदी की : किशनगढ़, झा : झालावाड़, डूँ : डूंगरपुर, को : कोटा प्र : प्रतापगढ़, सा : शाहपुरा, टो : टोंक

उद्घाटन तिथि : 25 मार्च, 1948

उद्घाटनकर्ता : एन. वी. गौड़गिल

राजधानी: कोटा

राजप्रमुख : कोटा के महाराव भीम सिंह

उपराजप्रमुख : बूंदी के महाराज लक्ष्मण सिंह

प्रधानमंत्री : गोकुल लाल असावा

v  बांसवाड़ा रियासत के शासक चंद्रवीर सिंह ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय कहा था कि आज मैं अपने डैथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ।

·         पूर्व राजस्थान का क्षेत्रफल 16807 वर्ग किमी व जनसंख्या 23.05 लाख

तीसरा चरण ‘संयुक्त राजस्थान संघ’

·         पूर्व राजस्थान संघ (9 रियासत) में उदयपुर रियासत को मिलाकर (10 रियासत) संयुक्त राजस्थान संघ’ का निर्माण किया गया।

·         उद्घाटन : 18 अप्रैल, 1948 को।

·         उद्घाटनकर्ता : प० जवाहार लाल नेहरू (तत्कालीन प्रधानमंत्री)

·         राजप्रमुख : मेवाड़ के महाराणा भूपसिंह

·         उपराजप्रमुख : कोटा के महराव भीमसिंह

·         कनिष्ठ उपराजप्रमुख : बूंदी के महाराव लक्ष्मणसिंह

·         संयुक्त राजस्थान का प्रधानमंत्री : माणिक्यलाल वर्मा

·         उपप्रधानमन्त्री : श्री गोकुल लाल असावा

·         उद्घाटन का स्थान : कोटा रियासत

·         संयुक्त राजस्थान संघ का क्षेत्रफल : 29,777 किमी, जनसंख्या : 42,60,918

चतुर्थ चरण बृहद राजस्थान संघ/विशाल राजस्थान संघ

·         संयुक्त राजस्थान संघ में जयपुर, जोधपुर, जैसलमेर व बीकानेर रियासत को मिलाकर बृहद राजस्थान संघ का निर्माण किया गया।

·         उद्घाटन : 30 अप्रैल, 1949

·         उद्घाटनकर्ता : सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         राजधानी : जयपुर

·   राजप्रमुख : जयपुर के महाराज मानसिंह द्वितीय

·         उपराजप्रमुख : कोटा के महराव भीमसिंह

·         प्रधानमंत्री : हीरालाल शास्त्री

·         उद्घाटन का स्थान : जयपुर

·         महाराजप्रमुख : मेवाड़ के भूपाल सिंह

·         30 अप्रैल को राजस्थान दिवस/ राजस्थान स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।

पंचम चरण संयुक्त बृहद राजस्थान/ संयुक्त बृहत्तर राजस्थान

·         बृहद राजस्थान संघ में मत्स्य संघ को मिलाकर संयुक्त बृहद राजस्थान का निर्माण किया गया।

·         उद्घाटन तिथि : 15 मई, 1949

·         उद्घाटनकर्ता : सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         राजधानी : जयपुर

·         महाराजप्रमुख : मेवाड़ के भूपाल सिंह

·         राजप्रमुख : जयपुर के महाराज मानसिंह द्वितीय

·         उपराजप्रमुख : कोटा के महराव भीमसिंह

·         प्रधानमंत्री : हीरालाल शास्त्री

षष्टम चरण राजस्थान संघ

·         संयुक्त बृहद राजस्थान संघ में माउंट आबू को छोड़कर सिरोही रियासत का शेष भाग विलय कर राजस्थान संघ का निर्माण किया गया।

Note:- सिरोही के माउंट आबू को पर्यटन स्थल होने के कारण सरदार वल्लभ भाई पटेल ने गुजरात में सम्मलित कर लिया था लेकिन बाद में जनता के विरोध के कारण सातवें चरण मे  दुबारा राजस्थान में शामिल किया गया।

·         उद्घाटन तिथि : 26 जनवरी, 1950

·         उद्घाटनकर्ता : सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         राजधानी : जयपुर

·         प्रधानमंत्री : प्रधानमंत्री के पद को समाप्त कर मुख्यमंत्री का पद सृजित किया गया

·         राजस्थान के प्रथम मुख्यमंत्री/ प्रथम मनोनीत मुख्यमंत्री – हीरालाल  शास्त्री

·         राजप्रमुख : जयपुर के महाराज मानसिंह द्वितीय

·         उपराजप्रमुख : कोटा के महराव भीमसिंह

सातवाँ चरण राजनस्थान

·               राजस्थान संघ में माउंट आबू व देलवाड़ा सहित मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के भानपुरा तहसील का सुनेलटप्पा क्षेत्र कोटा में, केंद्रशासित प्रदेश अजमेर - मेरवाड़ा को राजस्थान में व झालवाड़ा जिले का सिरोज उपखंड मध्यप्रदेश में गया और दिनांक 01 नवंबर 1956 को वर्तमान स्वरूप प्राप्त हुआ।

·               राजप्रमुख के स्थान पर राज्यपाल पद सृजित किया गया

·               राजस्थान के प्रथम राज्यपाल - गुरुमुख निहालसिंह

·               राजस्थान के प्रथम राज्यपाल गुरुमुख निहालसिंह को पद एवं गोपनीयता की शपथ जयपुर के महाराज सवाई मानसिंह द्वितीय ने किया।

·               सातवें चरण के समय अर्थात 01 नवंबर 1956 को राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखड़िया थे, अतः इन्हें आधुनिक राजस्थान का जनक कहा जाता है।

·               01 नवंबर 1956 को राजस्थान का 26 वां जिला अजमेर को बनाया गया।



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