Canada me heat dome: jimmedar kon hai?कनाडा में हीट डोम : जिम्मेदार कोन है?
पिछले कुछ दिनों से कनाडा में पड़ रही गर्मी ने सारे रिकार्ड तोड़ दिए है। कनाडा में पिछले कुछ दिनों में तापमान में आचानक वृद्धि हुई है, जिसके चलते कनाडा का तापमान रिकार्ड 49.5 डिग्री पहुँच गया है, जिसके कारण कनाडा के जंगलों में एवं रियायशी इलाकों में, गावों मे आग लगने की कई घटना सामने आई हैं, अब तक लगभग 485 ज्यादा मौत हो चुकी हैं, अधिक गर्मी के करना कनाडा की सड़कों पर फव्वारे लगा दिए गए है, स्विमिंग पूल, व बीचों को कोविड गाइडलाइन से फ्री कर दिया है ताकि लोग उन्मे जाकर गर्मी से राहत पा सकें। सही AC होटल फुल बुक हो चुके है और AC सिनेमा हॉलों के फुल शो चल रहे है ताकि उनमें लोगों को गर्मी से राहत मिल सके।
आखिर एस क्या हुआ की जिस कनाडा में तापमान सामान्य राहत है, उस कनाडा का तापमान अचानक बढ़ केसे गया? इसक प्रमुख कारण है प्रशांत महासागर में हीट डोम (Heat Dome) का बनाना है।
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| फोटो साभार सोशल मीडिया |
अमेरिका के नेशनल ओशनिक एण्ड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने यह दावा किया है कि हीट डोम मानवीय गतविधियों के करना बनाता है, पर्यावरण के प्रतिकूल मानवीय गतिविधियों के कारण ग्रीन हाउस गैसों में बढ़ोतरी होती है, जिससे जलवायू और मौसम में बदलाव आते है तथा ग्लोबल वार्मिंग व हीट डोम जैसी घटनए होती है
Heat Dome hai kya? | हीट डोम है क्या?
जब ग्लोबल वार्मिंग के कारण महासागरों के तापमान में बदलाव (उतार-चढ़ाव) आता है तो संवहन के कारण समुद्र के सतह की गर्म हवा ऊपर उठती है और यह गर्म हवा पूर्व की और जाति है वैसे-वैसे जेट स्ट्रीम की ऊपरी सतह शिफ्ट हवा को धरातल कीऔर मॉसद देती है जिसकी वजह से हीट वेव (गर्म लहर) बनती है, जो समुद्र के ऊपर एक हवा की गुंबद नुमा संरचना बना लेती है जिससे आस पास के इलाके में तापमान में वृद्धि हो जाति है।
उत्तरी अमेरिका में हीट डोम का मुख्य कारण प्रशांत महासहर के पूर्वी भाग और पश्चिमी भाग के मध्य तापमान में बड़ा अंतर है जो ग्लोबल वार्मिंग के कारण उतप्पन हुआ है।
आखिर ऐसी घटना होती क्यों हैं-
ग्लोबल वार्मिंग, हीट डोम, ओज़ोन परत में छिद्र आदि घटनाएं का प्रमुख कारण पर्यावरण के प्रतिकूल मानवीय गतिविधियाँ ही हैं।हम आयें दिन एसी गतिविधियां करते रहते हैं जैसे कल कारखानों से निकलने वाले हानिकारक धुएं को वायूमण्डल में छोड़ना, ईट भट्टों से निकलने वाले धुएं को सीधे वायुमंडल में छोड़ना, फैक्ट्रियों से निकालने वाले कचरे को खुले में डालना या खुले में जालना व अन्य बहुत सी क्रियाओं से मानव पर्यावरण को प्रदूषित करता है, जिससे इस तरह की घटनाए सामने आते है।
इंसान प्रकृति से छेड़-छाड़ करता है और उसका खामियाजा इंसान के साथ साथ जीव- जन्तुयों को भुगतना पड़ता है। इसका जीत जगता उदाहरण पिछले 2020 में ऑस्ट्रेलिया के जंगलों लगी आग है जिसमे लगभग 50 करोड़ से अधिक जंगली जानवरों की मौत आग में झुलसने के कारण हुई थी।
भविष्य में अगर हमे इस तरह की घटनों से बचना है तो हम सभी को पर्यावरण के बारें में सोचना पड़ेगा, और हमें इसे बचना पड़ेगा वरना आने वाले सालों में पृथ्वी आग का गोल बान जाएगी। इससे बचने के लिए हमें आदतों में बदलब लाना पड़ेगा, अपनी जीवन शैली बदलनी पड़ेगी और Eco Friendly लाइफ स्टाइल अपनानी पड़ेगी।
क्योंकि इस तरह की घटनाओं के हम स्वयं जिम्मेदार है।


