मोटापा एक समस्या | Motapa Ek Samsya

 मोटापा एक समस्या

आज कल लोगों में मोटापे की समस्या बढ़ती जा रही है। सारा दिन अपने कामों में व्यस्त रहने के खराब खान पान के कारण ये उत्पन्न होती है। जिसके कारण हमारे शरीर की कैलोरी कम नहीं होती जिससे मोटापा बढ़ाने लगता है। यह मोटापा बढ़ने लगता है। यह मोटापा हमारे दिनचर्या में समस्याएं उत्पन्न करता है। आमतौर पर मोटापा छोटे छोटे बच्चों में भी देखने को मिल रहा है। देखा जाता है कि हर घर में कोई न कोई इस बीमारी से ग्रस्त है। इन दिनों यह एक आम समस्या बनती जा रही है। मोटापे के कारण हमारे शरीर में कई बीमारियाँ जन्म लेती है।



मोटापे के लक्षण :

मोटापा आपके शरीर के साथ-साथ आपके अंगों को भी प्रभावित करता है। इससे शारीरिक और मानसिक स्तर पर आपके जीवन मे कई सारे बदलाव देखने को मिलते है। कई बार लोग इन्हे महत्व नहीं देते और इसके बारे मे चिकित्सकीय परामर्श नहीं लेते जिससे आगे चलकर आपके स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। इसके कई प्रमुख लक्षण निम्न प्रकार है -

सांस लेने में परेशानी - कई बार सांस लेने मे दिक्कत या कठिनाई होने लगती है जो की मोटापे का ही लक्षण माना जाता है यह कई रोगों का कारण बनता है।

अधिक पसीना आना- अचानक शरीर से अधिक मात्रा मे पसीना आना ये भी मोटापे का एक कारण हो सकता है।

थकान का अनुभव होना-  मोटापे का एक लक्षण थकान भी माना जाता है कुछ लोग इसे गंभीरता से नहीं लेते है जिससे आगे चलकर मोटापे का कारण बंता है।

पीठ व जोड़ों में दर्द होना

ठीक से नींद पूरी होना। 

मधुमेह रोग होना। 

रोजमर्रा के कार्यों में समस्या होना। 

थाइराइड व हाई ब्लड प्रेशर होना। 

शरीर के विभिन्न भागों में वसा जमना। 

आत्मविश्वास में कमी होना।

तेज चलने पर थकान महसूस होना। 

ये सभी मोटापे के लक्षण है। 

मोटापा बढ़ने के कारण :

मोटापे बढ़ने का आम कारण शरीर पर अत्यधिक वसा का जमना है जो की स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव डालने लगता है। मोटापे का कारण कैलोरी बढ़ने को भी माना जाता है। हमारे शरीर का भार सूचकांक (BMI) मानव भार और लंबाई का अनुपात होता है। जो की 24 किग्रा/वर्गमीटर व 30 किग्रा/वर्गमीटर के बीच होता है। अगर हमारा BMI सूचकांक 30 किग्रा/वर्गमीटर से बढ़ता है तो वह मोटापे की श्रेणी में आता है। अतः हमारा BMI सूचकांक 24 किग्रा/वर्गमीटर से 30 किग्रा/वर्गमीटर बीच होना चाहिए। 

  मोटापा बढ़ने के सामान्य कारण : 

  • जेनेटिक्स, जो प्रभावित करता है की आपका शरीर भोजन को ऊर्जा मे कैसे बदलता है, वसा को कैसे स्टोर करता है। जैसे की अगर माता पिता की मोटपे की समस्या है तो उनके बच्चों मे भी मोटापे की समस्या देखने को मिलती है। 
  • कभी कभी गर्भावस्था के दौरान हार्मोन्स मे बदलाव होने लगता है जिससे मोटापे की समस्या होने लगती है इस अवस्था मे वजन काम करना मुश्किल हो सकता है। 
  • सही तरीके से नींद पूरी न होने पर हार्मोन्स आसामान्य होने लगते है जिससे भूख जरूरत से ज्यादा लगने लगती है जिससे वजन मे वृद्धि होने लगती है। 
  • मोटापा बढ़ने का एक कारण थाइरॉइड भी माना जाता है। 
  • प्रेडर-विली सिंड्रोम, जन्म के समय मौजूद एक दुर्लभ बीमारी है जो कि अत्याधिक भूख लगने का कारण बनती है जिससे मोटापा बढ़ने लगता है। 
  • कुशिंग सिंड्रोम, जो कोर्टिसॉल (तनाव हार्मोन्स) का स्तर बढ़ने का कारण होता है जिससे मोटापे की समस्या होने लगती है। 
  • महिलाओ मे (PCOS) पॉलीसिस्टिक अंडाशय सिंड्रोम से प्रजनन हार्मोन्स मे असंतुलन उत्पन्न हो जाता है जिससे मोटापे की समस्या होने लगती है। 
  • आर्थराइटिस या आस्टियोआर्थराइटिस जैसे अन्य दर्द मे शरीर की गतिविधि कम होती है जिससे शरीर मे चर्बी बढ़ने लगती है जो कि मोटापे का कारण बनती है। 
  • शुगर व कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से भी मोटापे की समस्या बढ़ने लगती है। 

मोटापे से बचाव : 



  • यह माना जाता है की असंतुलित आहार से भी मोटापे की समस्या होने लगती है। व्यक्तिगत स्तर पर आप स्वस्थ जीवन शैली अपना कर वजन बढ़ने व मोटापे को रोक सकते हैं।
  • रोजाना सुबह जल्दी उठकर नियमित रूप से घूमने जाना चाहिए। साथ-साथ व्यायाम करना चाहिए। जैसे साइकिल चलना, दौड़ना आदि। 
  •  संतुलित आहार व पौष्टिक खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जैसे फल, हरी सब्जियां, साबुत अनाज व दालें। 
  • अधिक मात्रा में पानी पीना चाहिए ताकि पसीना आए जिससे कैलोरी बर्न हो और वजन कम हो
  • ज्यादा फैट कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ व जंक फूड से परहेज करना चाहिए। 
  • चीनी (शक्कर) का इस्तेमाल सीमित मात्रा में करना चाहिए।
  • मोटापे के उपचार के लिए सबसे पहले हमें अपने खान-पान  पर नियंत्रण रखना चाहिए। 
  • संतुलित आहार लेना चाहिए जिसमे वसा युक्त भोजन सीमित मात्रा में होना चाहिए। 
  • रात के खाने में हमें तेलीय युक्त भोजन करने से बचना चाहिए क्योंकि तैलीय खाद्य पदार्थों में वसा की मात्रा ज्यादा होती है जो कि मोटापे का कारण बनता है। 
  • वजन कम करने के लिए चिकित्सीय सलाह के अनुसार उचित डाइट प्लान फॉलो करना चाहिए। 
  • अगर हम मोटापे को कम करने के किए कोई दवाई लेना चाहते है तो बिना डॉक्टरी सलाह के नहीं लेना चाहिए, विज्ञापनों आदि मे देख कर दवाई लेने से उनका प्रभाव हमारे शरीर पर घातक हो सकता है। 

मोटापे के नुकसान :

  • मोटापा हमारे शरीर में कई  बीमारियों को निमंत्रण देता है। जैसे हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल, शुगर, हृदय रोग, तनाव, लकवा (Paralysis)। 
  • महिलयों में मोटापे के कारण मासिक धर्म की  अनियमितता, फैटी लीवर आदि समस्या देखने को मिलती है

मोटापा एक गंभीर समस्या बनती जा रही है। अतः  इसे हमें नजर अंदाज नहीं करना चाहिए, और समय रहते इस पर ध्यान देना चाहिए और उचित उपचार व बचाव करने चाहिए.
 

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